BJP: मंडल अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी… दावेदारों पर आयु-सीमा भारी

-पार्टी में उठे सवाल, चुनाव लड़ चुके लोगों न मिले जिम्मेदारी
-सोशल मीडिया पर लगाए पैसा देकर पदाधिकारी बनाने के आरोप

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक चुनाव के लिए सोमवार से प्रक्रिया की शुरूआत हो गई है। रायशुमारी के लिए तय किये गए पर्यवेक्षकों (कार्यकर्ताओं) ने लोगों से बात करना शुरू कर दिया है। हर विधानसभा क्षेत्र के लिए दो पर्यवेक्षक नियुक्त किये गए हैं और इन्हें 9 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सोंपनी है। इसके बाद मंडल और जिला अध्यक्षों के नाम तय किये जाएंगे।

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प्रदेश बीजेपी के कोर ग्रुप की बैठक में तय किया गया है कि जिला और मंडल अध्यक्ष पद के लिए सभी से तीन-तीन नाम मांगे जाएंगे। पर्यवेक्षकों द्वारा मंडलों के वर्तमान अध्यक्षों, पूर्व अध्यक्षों, वर्तमान महामिं़त्रयों और पूर्व महामंत्रियों के साथ ही इलाके के निगम पार्षद, पूर्व पार्षद, विधायक, पूर्व विधायक और चुनाव लड़ चुके नेताओं से बात की जा रही है।

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रायशुमारी के दौरान पार्टी की ओर से तय किए गए पर्यवेक्षक वर्तमान जिला पदाधिकारियों के साथ ही इलाके के पूर्व जिला पदाधिकारियों से भी बात करेंगे। बताया जा रहा है कि जिला अध्यक्षों के लिए सांसदों, पूर्व सांसदों और दिल्ली के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ भी चर्चा की जाएगी।

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सोशल मीडिया पर धन-बल के आरोप
सोशल मीडिया पर लोगों ने पार्टी में पद पाने वालों पर तरह तरह के आरोप लगाए हैं। प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पर्यवेक्षकों की सूची ट्वीट की है। हालांकि इस पर बहुत ज्यादा लाइक और रिट्वीट नहीं मिले हैं। लेकिन लोगों ने पार्टी नेतृत्व पर कुछ आरोप जरूर लगाए हैं। रवि पी शुक्ला नाम के यूजर ने लिखा है कि ग्राउंड लेवल कार्यकर्ताओं को मौका दें, नहीं तो गु्रपिज्म पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा। योगेंद्र शर्मा ने लिखा है कि इस बार संगठन की समझ रखने वालों को मौका मिलना चाहिए अध्यक्ष जी, पैसे के दम पर बनने वालों को नहीं। सुनील त्रिवाल नामक यूजर तो एक कदम और आगे बढ़ गया। त्रिवाल ने लिखा है कि भाईसाहब मुझे मौका दीजिए, मैं ही वा शख्स हूं जो केजरीवाल के छक्के छुड़ा सकता है।
आयु सीमा को लेकर पार्टी में नाराजगी
मंडल व जिला अध्यक्षों के लिए आयु सीमा तय किये जाने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में नाराजगी है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि जिस तरह मंडल और जिला अध्यक्षों के लिए उम्र तय की गई है, इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश पदाधिकारियों के लिए भी आयु सीमा तय की जानी चाहिए थी। इससे भी पहले चुनाव लड़ने के लिए भी आयु सीमा तय की जाए। आने वाले चुनावों के लिए भी इसी तरह उम्र तय की जानी चाहिए। ताकि पिछले विधानसभा चुनाव की तरह कई कई बार हारने वालों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाए। बता दें कि पार्टी की ओर से मंडल अध्यक्ष के लिए 45 साल और जिला अध्यक्ष के लिए 55 साल की उम्र सीमा तय की गई है।
चुनाव लड़कर हारे लोगों को रखा जाए बाहर!
पार्टी का एक गुट इस बात पर जोर दे रहा है कि जो लोग हाल ही में विधानसभा चुनाव या फिर 2017 का नगर निगम चुनाव लड़कर हार चुके हैं, उन्हें संगठन में पदाधिकारी नहीं बनाया जाना चाहिए। ऐसे लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या अब बीजेपी सरकारी नौकरियों से सेवानिवृत हुए लोगों को संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं देगी? क्या 60 साल से ऊपर वालों को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा?
संगठन महामंत्री ने दिए रायशुमारी के गुर
दिल्ली बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रदेश संगठन महामंत्री ने रविवार को पार्टी की ओर से सगंठन में रायशुमारी के लिए तय किए गए लोगों को रायशुमारी के गुर बताए। उन्हें एक बार फिर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि उन्हें मंडल अध्यक्ष पद के लिए 45 साल के आस-पास वाले और जिला अध्यक्ष पद के लिए 60 साल के आसपास वाले लोगों के नाम ही मांगने हैं। पार्टी पर्यवेक्षकों को खास तौर पर हिदायत दी गई है कि वह रायशुमारी में आने वालों के नामों के बारे में किसी को भी भनक नहीं लगने दें।
प्रदेश व जिला अध्यक्षों के बाद होगी मंडल अध्यक्षों की घोषणा
पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली बीजेपी के कोर गु्रप की बैठक में निर्णय लिया गया था कि पहले मंडल अध्यक्षों की घोषणा की जाएगी। लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव किया गया है। अब पहले जिला व प्रदेश संगठन की घोषणा की जाएगी। लेकिन मंडल अध्यक्षों नामों की रायशुमारी करके रख ली जाएगी और उनके नामों की घोषणा बाद में की जाएगी। ताकि प्रदेश के गठन से नाराज लोगों को मंडलों मेंं भागीदारी देकर संतुष्ट किया जा सके।