बीजेपी ने चला जम्मू-कश्मीर के रास्ते बिहार पर सियासी दांव

-मनोज सिंन्हा को राज्यपाल बनाकर बिहार के भूमिहारों को संदेश
-बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गरमायी पूर्वांचल की राजनीति

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू कश्मीर के रास्ते बिहार में बड़ा सियासी दांव चला है। बनारस विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष से केंद्रीय मंत्री तक का सफर पूरा करने वाले मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया है। सियासी जानकारों की मानें तो बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा को उपराज्यपाल बनाकर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है।

यह भी पढ़ेंः- अभी मथुरा और काशी बचा है… विनय कटियार

बीजेपी ने इस कदम से पूर्वांचल से रोटी-बेटी के रिश्ते से जुड़े बिहार के भूमिहार समाज को सीधा संदेश देने की कोशिश की है। इसे उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है। मनोज सिन्हा को उपराज्यपाल का ओहदा मिलने से पूर्वांचल में बीजेपी की जमीन मजबूत करने की कवायद से जोड़ा जा रहा है। क्योंकि वह वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः- मथुरा-काशी के मुद्दों पर VHP की चुप्पी… अभी राम मंदिर निर्माण पर है पूरा ध्यान!

तीन दशक से राजनीति में सक्रिय पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा की पैठ पूर्वांचल के हर वर्ग में है। उत्तर भारत मे शिक्षा के बड़े केंद्र बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे मनोज सिन्हा पूर्वांचल के साथ ही बिहार की सियासत में भी खासे सक्रिय रहे हैं। छात्र राजनीति से सक्रियता के कारण वर्षों से बिहार की सियासत में उनका खासा दखल है।

यह भी पढ़ेंः- SHARJAH: फिक्सिंग के स्वर्ग में होगा IPL-2020 का आयोजन

सियासी जानकारों की मानें तो बिहार से जुड़े केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और मनोज सिन्हा बीएचयू में समकालीन रहे हैं। उसी दौर से बिहार के विश्वविद्यालयों में मनोज सिन्हा को बुलाया जाता रहा है। बतौर दूरसंचार और रेल राज्यमंत्री वर्ष 2014 से 2019 तक का उनका कार्यकाल बहुत शानदार रहा है। इस दौरान उन्होंने बिहार को पूर्वांचल सहित अन्य राज्यों से जोड़ने के लिए कई ट्रेनों की सौगात दी थी।

यह भी पढ़ेंः- DELHI ROITS: मौत के सौदागरों ने कोड वर्ड्स से दहलाई थी दिल्ली

मोकामा की बंद पड़ी फैक्ट्री को खोलने की बात हो या मेमू ट्रेनों के संचालन को लेकर निर्णय, बतौर रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। पूर्वांचल और बिहार के कई जिलों में भूमिहार बिरादरी चुनाव के मामले में निर्णायक भूमिका में हैं। वर्ष 2019 में गठबंधन प्रत्याशी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि मनोज सिन्हा को राज्यसभा भेजा जाएगा।
मनोज सिन्हा 2019 में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी से गाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे। अफजाल अंसारी बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर महागठबंधन की ओर से लड़े थे। उनकी हार के बावजूद उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने की चर्चा भी रही थी। लेकिन अब बिहार चुनाव से ठीक पहले पूर्वांचल के बड़े चेहरे को जम्मू कश्मीर जैसे राज्य का उप राज्यपाल बनाकर बीजेपी ने बड़ी बाजी खेली है। सिन्हा तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं।