BJP में नहीं थम रहा घमासान…दिलचस्प मोड़ पर नरेला जोन का चुनाव

-नागल ठाकरान वार्ड से पार्षद पूनम ने भरा जोन चेयरमैन का नामांकन
-नागलोई वार्ड से पार्षद ज्योति ने प्रदेश नेतृत्व पर जताया अविश्वास
-प्रदेश बीजेपी ने पूनम सहरावत को जारी किया कारण बताओ नोटिस

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
प्रदेश भारतीय जनता पार्टी में चल रहा घमासान रूकने का नाम नहीं ले रहा है। नागल ठाकरान वार्ड से निगम पार्षद पूनम सहरावत ने बीजेपी के साथ बगावत कर दी है। इसके बाद पार्टी ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। पूनम की बगावत से नरेला जोन का चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ गया है।

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दूसरी ओर नागलोई वार्ड से निगम पार्षद ज्योति रछौया ने पार्टी प्रदेश नेतृत्व पर अविश्वास जताते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर नगर निगम में उनकी बात सुने जाने की गुहार लगाई है। खास बात है कि ज्योति रछौया ने यह पत्र मीडिया को भी जारी कर दिया है।

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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम की छह वार्ड समितियों के लिए अध्यक्ष व उपाध्यक्षों का चुनाव होना है। पूनम ने नरेला वार्ड समिति के अध्यक्ष पद के लिए बागी बनकर पर्चा दाखिल कर दिया है। पार्टी के संज्ञान में आने के बाद दिल्ली बीजेपी ने उन्हें बुधवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।

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दरअसल नरेला वार्ड समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बीजेपी ने जयेंद्र डबास का नाम तय किया है। जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए पार्टी की ओर से सविता खत्री से नामांकन कराया गया है। लेकिन पूनम सहरावत के नामांकन किए जाने से नरेला जोन में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 26 जून को वार्ड समिति के लिये चुनाव होना है और पूनम ने आम आदमी पार्टी की ओर से नामांकन किया है।
जोन में पार्टी अनुसार सदस्यों की स्थिति
नरेला जोन में फिलहाल 21 सदस्य (पार्षद) हैं। 6 एल्डरमैन पार्षद भी शामिल हैं। इनमें से बीजेपी के पास 12 और आम आदमी पार्टी के पास 9 सदस्यों का संख्या बल है। बीजेपी के 12 सदस्यों में दो सदस्य आम आदमी पार्टी से आए एल्डरमैन हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के 9 सदस्यों में बीजेपी से बगावत करके आईं पूनम सहरावत भी शामिल हैं। नरेला जोन में कुल 22 वार्ड हैं लेकिन बसपा से आम आदमी पार्टी में आए पूर्व पार्षद जयभगवान अब विधायक बन गए हैं। अतः जोन में अभी एक सीट खाली है।
बीजेपी के पार्षदों में जयेंद्र डबास, सविता खत्री, सुनीत चौहान, निशा मान, ब्रह्म प्रकाश, अंजू, आनंद सिंह, पूनम डबास, ज्योति रछौया और अर्चना (निर्दलीय से आप में होते हुए बीजेपी में शामिल) के नाम शामिल हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के पास बबीना शौकीन, रीना, अनिल लाकड़ा, राम नारायण भारद्वाज और पूनम सहरावत (निर्दलीय से बीजेपी और अब आम में शामिल) चुनाव जीतकर आए पार्षद हैं। जबकि सतपाल कैम, प्रदीप जिंदल, भरत माथुर और कुलदीप मित्तल एल्डरमैन नियुक्त पार्षद हैं। जबकि दो एल्डरमैन पार्षद विजेंद्र यादव और जय कुमार बंसल आप छोड़कर बीजेपी में आ चुके हैं।
चुनाव के लिए ये है आंकड़ा
नरेला जोन का चुनाव 26 जून को होना है। बीजेपी के पास अभी 12 पार्षद हैं और आम आदमी पार्टी के पास 9 पार्षद हैं। यदि ज्योति रछौया चुनाव के दिन बाहर चली जाती हैं तो बीजेपी के पास 11 और आप के पास 9 पार्षद रह जाएंगे। ऐसे में बीजेपी के किसी भी एक पार्षद ने क्रास वोटिंग कर दी आंकड़ा 10-10 वोट का रह जाएगा। ऐसे में लॉटरी के जरिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होगा। यदि ज्योति रछौया आप के पाले में आकर बैठ जाती हैं और चुनाव के दौरान बीजेपी का काई एक पार्षद क्रास वोटिंग कर देता है तो आम आदमी पार्टी सीधे चुनाव जीत जाएगी।
बीजेपी पार्षदों ने पहले भी की क्रास वोटिंग
नरेला जोन में बीजेपी पहले भी क्रास वोटिंग का खामियाजा भुगत चुकी है। 2019 के वार्ड समिति के चुनाव में बीजेपी के पार्षदों ने क्रास वोटिंग की थी। लेकिन लॉटरी के जरिए किस्मत चमक जाने की वजह से बीजेपी जोन अध्यक्ष पद बचा पाने में कामयाब रही थी। लेकिन आप से आए एल्डरमैन बिजेंद्र यादव को स्थायी समिति के उपाध्यक्ष का पद दिये जाने की वजह से पार्टी पार्षदों में नाराजगी है। इसलिए पार्टी में क्रॉस वोटिंग की आशंकाएं बढ़ गई हैं।
बीजेपी से बगावत करके चुनाव जीती थी पूनम
साल 2017 में हुए निगम चुनाव में बीजेपी नेता पवन सहरावत अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। लेकिन तत्कालीन प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पवन सहरावत को तवज्जो नहीं देकर अन्य को टिकट दे दिया था। इस दौरान पूनम सहरावत ने पार्टी के साथ बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था और बीजेपी उम्मीदवार को हराकर निगम पार्षद बनी थी। बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गई थी। लेकिन पार्टी की उपेक्षा के चलते अब वह आम आदमी पार्टी में चली गई हैं।
रछौया ने लगाया तिवारी पर आरोप
नागलोई वार्ड से निगम पार्षद ज्योति रछौया ने प्रदेश बीजेपी नेतृत्व पर अविश्वास जताया है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में कहा है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उन्हें महापौर बनाने का वादा किया था। इसके पश्चात ही उन्होंने अपने पिता की मौत पर न जाकर नरेला जोन के वार्ड समिति चुनाव में वोट डाला था। जिसकी वजह से जोन पर बीजेपी का कब्जा हुआ था। पत्र में नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए वर्तमान नेतृत्व को भी घसीटा गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा गया है कि निगम में भ्रष्टाचार को खत्म करने और उनकी शिकायतों पर कार्रवाई करने के लिएप्रदेश नेतृत्व को आदेश दिया जाए।
तिलक राज ने पलटी मारी
पूर्व नेता सदन तिलक राज कटारिया ने पल्टी मार ली है। नेता सदन के पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने बीजेपी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दावा किया था कि निगम पार्षद पद से भी इस्तीफा दे दिया है। लेकिन पार्षद पद से इस्तीफा देने के लिए निगम सचिव को त्याग पत्र देना होता है। जो कि उन्होंने नहीं किया था। अपने दावे को झुठलाते हुए कटारिया बुधवार को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में शामिल होने ‘अपनों के बीच बेगाने’ की तरह पहुंचे। खास बात यह रही कि उनसे किसी ने बात तक नहीं की। इसकी वजह से वह पहले के चार-पांच लोगों में वोट डालकर तुरंत सदन से निकल गये।