-बरोदा विधानसभा सीट पर होना है उपचुनाव
-कांग्रेस विधायक के निधन से खाली हुई सीट
एसएस ब्यूरो/ सोनीपत
बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही हरियाणा में भी एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इस सीट को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। बीजेपी इस उपचुनाव में हुड्डा के गढ़ में सेंध लगाने में जुट गई है। 10 नवंबर को तय हो जाएगा कि इस बार बरोदा की जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है। बता दें कि कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद पहली बार बरोदा में उपचुनाव होने जा रहा है। बरोदा विधानसभा क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा यहां से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं।
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यहां यह जान लेना भी जरूरी है कि इससे पहले यह सीट इनेलो का गढ़ मानी जाती थी। वर्ष 1977 से 2005 तक ताऊ देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला के प्रत्याशी ही यहां से जीतते रहे थे। इस सीट पर भाजपा कभी खाता नहीं खोल पाई है। बीजेपी इस बार इनेलो और कांग्रेस के इस गढ़ को भेदने की हर मुमकिन कोशिश में जुटी है।
सियासी दलों की बढ़ी सक्रियता
जाट बहुल बरोदा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा होते ही सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी दल कांग्रेस और इनेलो के नेता सक्रिय हो गए हैं। संभावित प्रत्याशियों के नामों पर भी लोगों में चर्चा शुरू हो गई है। बरोदा हलका 2009 में सामान्य हुआ था, इससे पहले यह आरक्षित सीट थी। वर्ष 2019 के चुनाव में श्रीकृष्ण हुड्डा ने भाजपा के उम्मीदवार ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त को 4840 वोटों से हराया था।
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उपचुनाव में भाजपा यहां अपना परचम लहराने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुटी है। इसके लिए भाजपा पिछले दो महीने से यहां सक्रिय है। प्रदेश के कृषि मंत्री को यहां का प्रभारी भी नियुक्त किया गया है। इस दौरान भाजपा बरोदा को दो महाविद्यालय देने के अलावा जनता शिक्षण संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा और राइस मिल, आईएमटी के अलावा करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की भी घोषणा कर चुकी है।
बीजेपी में उम्मीदवारों पर चर्चा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त का नाम लिया जा रहा है। दत्त 2019 में भाजपा के उम्मीदवार थे और दूसरे स्थान पर रहे थे और बहुत कम अंतर से चुनाव हार गए थे। उनके अलावा डॉ. कपूर नरवाल भी भाजपा के प्रबल दावेदारों में से हैं। वे 2019 के चुनाव से पहले जजपा छोड़ कर भाजपा में आए थे। डॉ. नरवाल भी इनेलो में रहते हुए बरोदा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं।
जजपा के संभावित उम्मीदवार
जननायक जनता पार्टी (जजपा) प्रदेश में बीजेपी के साथ सरकार में है और गठबंधन में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। हालांकि इसके बावजूद पार्टी के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. केसी बांगड़ और बरोदा हलका से ही जजपा के पूर्व प्रत्याशी भूपेंद्र मलिक के नाम भी उम्मीदवारी के लिए चर्चा में है।
कांग्रेस में दावेदारी
कांग्रेस से पूर्व विधायक स्व. श्रीकृष्ण हुड्डा के बेटे जितेंद्र उर्फ जीता हुड्डा टिकट के प्रमुख दावेदार हैं। उनके अलावा पूर्व सांसद स्व. किशन सिंह सांगवान के बेटे प्रदीप सांगवान भी यहां से प्रबल दावेदारों में से हैं। हलके में किशन सिंह सांगवान की अच्छी पकड़ रही है और अब उनके बेटे प्रदीप के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के परिवार से अच्छे संबंध हैं। पूर्व जिला पार्षद इंदुराज नरवाल, सेवानिवृत्त कर्नल रोहित मोर, मास्टर जगबीर मलिक भी टिकट की दावेदारी की लाइन में हैं।
इनेलो के प्रमुख दावेदार
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के बरोदा विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष जोगेंद्र मलिक उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। उन्होंने 2019 का चुनाव भी लड़ा था। सुरेंद्र सिरसाढ़ भी इनेलो के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। वह गांव मुंडलाना स्थित गोशाला के प्रधान रह चुके हैं और वे पूर्व में निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं।
बरोदा विधानसभा क्षेत्र पर एक नजर
बता दें कि बरोदा विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 270548 है। यहां कुल 1,78,158 मतदाता हैं। इनमें से पुरूष मतदाताओं की संख्या 97,886 है जबकि महिला मतदाता 80,272 हैं। बरोदा विधानसभा क्षेत्र में कुल 280 मतदान केंद्र हैं।