अरबपति निकले दिल्ली दंगों वाले मौत के सौदागर

-पुलिस जांच से हुआ दिल्ली दंगों की फंडिंग पर बड़ा खुलासा
-1 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है दंगों का आरोपी फैजल

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
दिल्ली दंगों में शामिल मौत के सौदागर करोड़पति नहीं बल्कि अरबपति निकले हैं। पुलिसिया जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जांच में दंगों के एक आरोपी फैजल फारुकी से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे कराने से पहले इन दंगाइयों ने बड़ी फंडिंग की पूरी व्यवस्था कर ली थी। फंडिंग का जिम्मा भी ऐसे लोगों के ऊपर था जो बेहिसाब संपत्ति के मालिक हैं। इनमें सबसे पहला नाम तबलीगी जमात के मरकज के अमीर मौलाना मोहम्मद साद के करीबियों में से एक फैजल फारुकी का है।

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दिल्ली पुलिस के एक आला अधिकारी के मुताबिक फैजल फारुकी 1 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है। क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि राजधानी स्कूल के मालिक फैजल फारुकी के पास एक हजार करोड़ की संपत्ति है। जिस तरह प्रमुख आरोपी ताहिर हुसैन ने अपनी दंगाईयों के लिए अपनी बिल्डिंग के दरवाजे खोल दिए थे। उसी तरह दिल्ली दंगों के दौरान मौत के सौदागर दंगाइयों ने शिव विहार स्थित राजधानी पब्लिक स्कूल को अपने बेस के तौर पर इस्तेमाल किया था।

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राजधानी पब्लिक स्कूल की छत से पुलिस ने लोहे की बड़ी गुलेल जब्त की थी। क्राइम ब्रांच ने शिव विहार में हुए दंगों के आरोप में फैजल फारुकी को गिरफ्तार किया है। सामने आए तथ्यों के मुताबिक फैजल फारुकी के दिल्ली में 3 पब्लिक स्कूल हैं। पहला सीलमपुर में क्राउन पब्लिक स्कूल के नाम से है। दूसरा शिव विहार में राजधानी पब्लिक स्कूल है और तीसरा वजीराबाद रोड पर विक्टोरिया पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल है।

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फैजल फारूकी ने साल 2014 में करीब 6 करोड़ की कीमत में सी ब्लॉक यमुना विहार में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। उसने साल 2017 में भी सी ब्लॉक यमुना विहार में एक प्रॉपर्टी करीब 7 करोड़ 50 लाख रुपए में खरीदी थी। इसके बाद साल 2018 और साल 2019 में यमुना विहार में 2 दुकानें 10 करोड़ रूपये की कीमत में खरीदी गई थीं। इसके अलावा साल 2020 में यमुना विहार में ही बी ब्लॉक में एक प्रॉपर्टी करीब 10 करोड़ रूपये में खरीदी थी।

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अधिकारी के मुताबिक क्राइम ब्रांच को दंगों की जांच के दौरान यह भी पता चला है कि फैजल फारुकी दंगों के दौरान पीएफआई आौर हजरत निजामुद्दीन मरकज से जुड़े बड़े लोगों के संपर्क में था। यही वजह है कि अब पुलिस इसकी इस बेहिसाब संपत्ति का पीएफआई समेत मरकज कनेक्शन के बारे में भी पता लगाने में जुटी है। क्योंकि पुलिस ने अपनी जांच में यह स्पष्ट कर दिया है कि दंगों की साजिश पहले से सोच-समझकर रची गई थी और इसके लिए पैसा पानी की तरह बहाया गया था।