-सीएम नीतीश कुमार के साथ होंगे बीजेपी के दो डिप्टी सीएम
-सीमांचल से तारकिशोर व चंपारण की रेणु देवी के सिर पर सेहरा
-बीजेपी खेलेगी पावर गेम, अब आरजेडी-ओवैसी का बिगड़ेगा खेल
एसएएस ब्यूरो/ पटना
सीएम नीतीश कुमार के साथ बिहार में अब बीजेपी की ओर से तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी नये डिप्टी सीएम होंगे। उपमुख्यमंत्री के रूप में इन दोनों के नाम चौंकाने वाले हैं। तारकिशोर प्रसाद सीमांचल के इलाके से आते हैं। वहीं रेणु देवी चंपारण से आती हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में मगध के इलाके की तुलना में इन दोनों क्षेत्रों में बीजेपी का प्रदर्शन शानदार रहा है।
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सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीमांचल में ओवैसी का खेल खराब करने के लिए बीजेपी ने तारकिशोर प्रसाद को मैदान में उतारा है। तारकिशोर प्रसाद की छवि सीमांचल के इलाके में बड़े हिंदुवादी नेता के रूप में है। इस बार ओवैसी ने बिहार के इस इलाके से ही 5 सीटें जीती हैं। उसके बाद से बिहार की राजनीति में खलबली है। बेचैनी बीजेपी खेमे में भी है। अगामी चुनावों में ओवैसी को मात देने की प्लानिंग पर बीजेपी ने अभी से काम शुरू कर दिया है।
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बिहार के भावी डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद की छवि हिंदूवादी नेता की है। वह चार बार से लगातार विधायक हैं। बीजेपी में उनकी एंट्री विद्यार्थी परिषद, आरएसएस और भाजयुमो के रास्ते हुई है। बीजेपी नगर कमेटी से लेकर वे जिले के महामंत्री रह चुके हैं। 2005 के अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने आरजेडी के तिलस्म को तोड़कर कटिहार सीट पर कब्जा जमाया था। उसके बाद लगातार कब्जा बरकरार है। 12वीं पास तारकिशोर प्रसाद संगठन के लिए लगातार उस इलाके में काम करते रहे हैं।
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बीजेपी की ओर से बिहार की दूसरी डिप्टी सीएम और राज्य की पहली महिला उपमुख्यमंत्री व विधानमंडल दल की उपनेता रेणु देवी की छवि भी फायरब्रांड नेत्री के रूप में है। वह महिलाओं के मुद्दे को दमखम से साथ उठाती हैं। संगठन में भी रेणु देवी कई अहम पदों पर रही हैं। रेणु देवी ने अपने सियासी करियर की शुरुआत दुर्गावाहिणी संगठन से की है। नोनिया समाज से आने वालीं रेणु देवी हिंदी, भोजपुरी, बांगला और अंग्रेजी भाषा की अच्छी जानकार हैं।
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बताया जाता है कि रेणु देवी आरएसएस में भी अच्छी पकड़ रखती हैं। बिहार के विभिन्न जिलों में वह स्वंय सहायता समूह बना कर महिलाओं के लिए काम करती हैं। 1989 में वह बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष भी चुनी गई थीं। 1992 में वह जम्मू-कश्मीर तिरंगा यात्रा में भी शामिल हुई थीं। 2014 में रेणु देवी बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनी थीं।
इस लिहाज से देखें तो दोनों ही नेताओं का संघ से नजदीकी जुड़ाव है। इस बार के चुनाव में रेणु देवी ने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया है। बताया जा रहा है कि बीजेपी इन दोनों नेताओं को आगे कर सीमांचल और चंपारण में हिंदुत्व के एजेंडे को मजबूत करना चाहती है। सीमांचल इलाके से बिहार बीजेपी में पहली बार किसी नेता को बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी की पूरी कोशिश है कि इस इलाके की लड़ाई को हिंदू और मुस्लिम में शिफ्ट किया जाए। कटिहार और उसके आसपास के जिलों में वैश्यों की आबादी भी अच्छी खासी है।