बिहार: NDA के लिए सत्ता की चाबी न बन जाए CONGRESS का ‘वॉकओवर’!

-टिकट बंटवारे में परिवारवाद के चलते बढ़ती जा रहीं कांग्रेस की मुश्किलें
-शत्रुघ्न के बेटे लव और जिन्ना की फोटो विवाद वाले मश्कूर को टिकट
-उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह देने के बावजूद घोषित नहीं किये गए नाम

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ पटना
बिहार में राजनीतिक दलों के बीच मचा सियासी घमासान बीजेपी के अगुआई वाले नेशनल डैमोक्रेटिक अलाइंस के लिए सत्ता की चाबी साबित हो सकता है। विधानसभा चुनाव में अलग अलग बंटकर लड़ रहे विपक्ष के सामने एनडीए फिलहाल तो बहुत मजबूत दिखाई दे रहा है। बिहार कांग्रेस में टिकट बंटवारे में चल रहा परिवारवाद और इससे पार्टी में बढ़े असंतोष को बीजेपी के लिए वॉकओवर माना जा रहा है। हालांकि कांग्रेस ने अभी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा नाराजगी वरिष्ठ नेताओं के बेटे-बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट देने को लेकर है।

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कांग्रेस के टिकट बंटवारे से प्रदेश कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि जिस तरह उम्मीदवार घोषित किए गए हैं, उससे चुनावी रणनीति का आभाव दिखता है। पार्टी को डर है कि उम्मीदवारों के नाम घोषित होने पर हंगामा बढ़ सकता है। इसलिए ज्यादातर उम्मीदवारों को पार्टी का चुनाव चिन्ह देने के बावजूद नाम घोषित नहीं किए हैं।

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बिहार प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक चुनाव में सभी पार्टियों की तरफ से घोषित उम्मीदारों का आंकलन करें तो कांग्रेस ने अब तक सबसे कमजोर प्रत्याशी दिए हैं। करीब डेढ दर्जन सीटों पर सीधे तौर पर एनडीए को वॉकओवर दे दिया है। पार्टी ने थोड़े बहुत जिन कार्यकर्ताओं को टिकट दिया है, तो उन्हें दूसरे शहर में अंजान सीट पर प्रत्याशी बनाया है। बताया जा रहा है कि टिकट बंटवारे के लिए उम्मीदवारों के मामले में गंभीरता से विचार नहीं किया गया है।
बेटे और बेटियों को टिकट
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी इस बात को लेकर है कि इस बार कुछ वरिष्ठ नेताओं के ऐसे बेटे-बेटियों व रिश्तेदारों को टिकट दिये गए हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए कभी कोई काम नहीं किया। परिवारवाद के चलते कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है। कई नेताओं के रिश्तेदारों को भी टिकट दिया गया है। इस फेहरिस्त में मशहूर फिल्म अभिनेता शत्रुघन सिन्हा के बेटे लव सिन्हा और वरिष्ठ नेता शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव सहित कई नेताओं के बेटे बेटियां और रिश्तेदारों के नाम शामिल हैं।
जिन्ना की फोटो पर बीजेपी को मुद्दा
कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बैठे-बिठाए मुद्दा पकड़ा दिया है। पार्टी ने अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी को जाले सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। मशकूर दरभंगा के लालबाग में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में शामिल रहा था। इसके साथ ही एएमयू छात्रसंघ हॉल में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर हुए विवाद में भी वह शामिल था। उसने छात्र संघ का अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी का विरोध किया था और एएमयू में जिन्ना की फोटो का समर्थन किया था।