दंगों के हिंदू आरोपियों को तिहाड़ जेल में मारने की बड़ी साजिश!

-दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने किया साजिश का खुलासा

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
पिछले साल फरवरी महीने में उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद कई ट्रायल कैदियों की जान को खतरा होने की बात सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने जेल में बंद दिल्ली दंगों के आरोपितों को जेल में मारने की बड़ी साजिश का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस ने 2 आरोपितों की गिरफ्तारी का दावा भी किया है।

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच में पता चला है कि तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली दंगों के हिंदू आरोपितों को तिहाड़ जेल में मर्करी (पारा) देकर उनकी हत्या करने की साजिश रची जा रही है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जेल में शाहिद और जेल के बाहर से असलम ने हत्या की साजिश रची थी। इसी के तहत जेल में बंद शाहिद के पास असलम ने पारा पहुंचाया था। इसका खुलासे होते ही दिल्ली पुलिस के साथ जेल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है।

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गौरतलब है कि उत्तरी पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में दंगों के दौरान मौजपुर पुलिया और शिव विहार पुलिया के पास हत्या में आरोपित लोगों को मारने की साजिश रची गई थी। दूसरी ओर साजिश की भनक लगने पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया और फिर साजिश को नाकाम कर दिया है।
तिहाड़ जेल से जब्त किया पारा, 2 आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आरोपियों को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी की थी। इसके लिए टेक्निकल सर्विलांस रखना शुरू किया गया। इसके बाद जब पूरे सबूत हाथ लगे तो स्पेशल सेल ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया है। बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली की स्थानीय कोर्ट ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दो आरोपितों को हत्या का प्रयास करने के अपराध से मुक्त करते हुए रूसी कृति ‘अपराध और दण्ड’ को उद्धृत करते हुए टिप्पणी की थी। इसमें कहा गया है कि-‘सौ खरगोश मिलाकर आप घोड़ा नहीं बना सकते और सौ संदेह साक्ष्य नहीं बन सकते।’ आरोपितों को जमानत देने के साथ ही कोर्ट ने सवाल किया था कि कैसे उनके खिलाफ हत्या का प्रयास का आरोप लगाया जा सकता है जब पीड़ित पुलिस जांच से अनुपस्थित है और कभी पुलिस के पास नहीं आया। कोर्ट ने कहा था कि पीड़ित ने गोली चलाने के बारे में अथवा भीड़ या दंगाइयों के बारे में कोई बयान नहीं दर्ज कराया था।