-नहीं चली रायशुमारी, अनुभव पर जुगाड़ भारी
-कहीं बागी को कमान तो कहीं सीनियर हैरान
-पंजाबी-जाट का 3-3, बनिया बिरादरी को 2 जिले
-ब्राह्मणों को चार, 1 जिले पर गूजर को कमान
हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ नई दिल्ली
दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जिला अध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही पार्टी में आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टी के नेता अभी खुलकर नहीं कहना चाहते, क्योंकि अभी प्रदेश पदाधिकारियों की सूची आनी बाकी है। लेकिन पार्टी में चर्चा है कि जिला अध्यक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी के लिए बेहद लो-प्रोफाइल चेहरों को जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। दिल्ली में डेढ़ साल बाद नगर निगम चुनाव होने हैं। इसके लिहाज से प्रदेश और जिला कार्यकारिणी के गठन को और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता की ओर से जारी 14 में दो जिला अध्यक्षों को दोबारा मौका दिया गया है। जबकि 12 जिलों को नये अध्यक्ष मिले हैं। जाति और वर्ग के लिहाज से इस बार पंजाबी और जाटों को तीन-तीन जिलों की कमान मिली है। जबकि बनिया को दो और ब्राह्मणों को इस बार चार जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। एक जिला गूजर के हिस्से में आया है। बताया जा रहा है कि मंडल अध्यक्षों की तरह जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में भी रायशुमारी को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।
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पंजाबियों में केशव पुरम का राजकुमार भाटिया, चांदनी चौक का विकेश सेठी और पश्चिमी जिला का अध्यक्ष सचिन भसीन को बनाया गया है। इसी तरह ब्राह्मणों में मयूर विहार जिला का विनोद बछेती (इन्हें पहाड़ी प्रतिनिधित्व के रूप में भी गिना जा रहा है), शाहदरा का रामकिशोर शर्मा, नई दिलली का प्रशांत शर्मा और बाहरी दिल्ली का बजरंग शुक्ला को अध्यक्ष बनाया गया है।
जाटों में उत्तर पश्चिम जिला का देवेंद्र सोलंकी, नजफगढ़ का विजय सोलंकी और महरौली जिला का जगमोहन अहलावत को अध्यक्ष बनाया गया है। दूसरी ओर बनिया में उत्तरी पूर्वी जिला का मोहन गोयल और करोलबाग की कमान राजेश गोयल को सोंपी गई है। जिला अध्यक्षों में दक्षिणी जिला का एक मात्र गूजर रोहताश बिधूड़ी को अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं नवीन शाहदरा के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष मास्टर विनोद हैं जो कि पांचाल हैं।
बता दें कि जिन दो जिला अध्यक्षों को दोबारा कमान दी गई है, उनमें शाहदरा जिला से राम किशोर शर्मा और दक्षिणी दिल्ली से रोहताश बिधूड़ी के नाम शामिल हैं। दोनों को ही बीच कार्यकाल में जिला अध्यक्ष बनाया गया था। शाहदरा जिला के तत्कालीन अध्यक्ष संतोष पाल के निगम पार्षद चुने जाने की वजह से राम किशोर शर्मा को बनाया गया था, जबकि दक्षिणी जिला के तत्कालीन अध्यक्ष मिथलेष की पत्नी अनामिका के निगम पार्षद चुने जाने पर रोहताश बिधूड़ी को जिला अध्यक्ष बनाया गया था।
सांसदों को मिला एक-एक जिला
दिल्ली बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सातों सांसदों की पसंद से एक-एक जिला अध्यक्ष बनाया गया है। चांदनी चौक के जिला अध्यक्ष विकेश सेठी को डॉ हर्षवर्धन की पसंद बताया जा रहा है। नवीन शाहदरा के जिला अध्यक्ष मास्टर विनोद को मनोज तिवारी की पसंद बताया जा रहा है। वहीं शाहदरा के जिला अध्यक्ष राम किशोर शर्मा को गौतम गंभीर की पसंद बताया जा रहा है।
करोलबाग के जिला अध्यक्ष राजेश गोयल को नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी और नजफगढ़ के जिला अध्यक्ष विजय सोलंकी को प्रवेश वर्मा के कोटे से नियुक्ति मिली है। दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी की पसंद से जगमोहन महलावत को महरौली का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। दक्षिणी दिल्ली के जिला अध्यक्ष रोहताश बिधूड़ी को दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामबीर बिधूड़ी की पसंद बताया जा रहा है।
पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी की खुद उनके ही जिले में नहीं चली है। यहां जिला अध्यक्ष रोहताश बिधूड़ी और विधायक रामबीर बिधूड़ी ने मिलकर मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति में भी रमेश बिधूड़ी की नहीं चलने दी थी। खास बात है कि लोकसभा चुनाव के दौरान स्थानीय सांसद से पंगा लेने के बावजूद रोहताश ने चंदन चौधरी को जिला का महामंत्री बना रखा है। जबकि इस प्रकरण से बीजेपी की बहुत ज्यादा किरकिरी हुई थी।
बनिया बहुल पर पंजाबी और पंजाबी बहुल पर बनिया
दिल्ली बीजेपी की ओर से जिला अध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद आलोचनाओं का दौर भी शुरू हो गया है। पार्टी के ही नेताओं ने दबी जुबान में कहना शुरू कर दिया है कि जिला अध्यक्षों के पद पर ज्यादातर लो-प्रोफाइल लोगों को बैठाया गया है। चांदनी चौक जिला को बनिया बहुल माना जाता है। लेकिन यहां से पंजाबी बिरादरी से आने वाले विकेश सेठी को अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि करोलबाग जिला को पंजाबी बहुल माना जाता है, लेकिन यहां से राजेश गोयल को अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह केशव पुरम जिला को भी बनिया बहुलता वाला माना जाता है, यहां से पार्टी ने पंजाबी बिरादरी के राजकुमार भाटिया को जिले की कमान सोंपी है। उत्तर पूर्वी जिला को पूर्वांचली और मिश्रित बहुलता वाला माना जाता है, यहां से पार्टी ने बनिया बिरादरी के मोहन गोयल को प्राथमिकता दी है।
अध्यक्ष के जिले में सांसद की हनक
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता के जिला करोलबाग में सांसद मीनाक्षी लेखी की चली है। बताया जा रहा है कि उन्होंने पूर्व विधायक करण सिंह तंवर के धुर-विरोधी राजेश गोयल को जिला अध्यक्ष बनवा दिया है। खास बात है कि राजेश गोयल ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ बगावत कर दी थी। उन्होंने केंट सीट से टिकट नहीं दिए जाने के विरोध में अपना नामांकन तक दाखिल कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया था। नई दिल्ली जिला में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश उपाध्याय भी अपनी पसंद के प्रशांत शर्मा को जिला अध्यक्ष बनवाने में कामयाब रहे हैं।
अनुभव पर जुगाड़ भारी
प्रदेश बीजेपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में अनुभव पर जुगाड़ भारी पड़ा है। कई मामलों में नेताओं की उम्र पर भी ध्यान नहीं दिया गया है। नवीन शाहदरा का जिला अध्यक्ष मास्टर विनोद को बनाया गया है। वह अब तक जिला में महामंत्री का दायित्व निभा रहे थे। लेकिन उनसे कहीं ज्यादा अनुभवी मनोज त्यागी भी जिला अध्यक्ष की लाइन में थे, लेकिन उनके अनुभव को पार्टी ने ध्यान में नहीं रखा। इसी तरह उत्तर पश्चिम जिला का अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी को बनाया गया है। जबकि यहां से प्रवेश वाही जिला अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार थे। प्रवेश वाही दो बार पार्षद रहने के साथ निगम के कई पदों पर रह चुके हैं। जबकि देवेंद्र सोलंकी केवल एक बार ही पार्षद रहे हैं। इसी तरह केशव पुरम जिला का अध्यक्ष राजकुमार भाटिया को बनाया गया है, यहां से रेखा गुप्ता दावेदार थीं। अनुभव के मामले में रेखा गुप्ता कई पदों पर रही हैं और निगम पार्षद रही हैं। हालांकि दोनों ही नेता हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में हार गए थे। चांदनी चौक जिला में भी अनुभव के सामने अनुभवहीन विकेश सेठी को प्राथमिकता मिली है। मयूर विहार जिला का अध्यक्ष विनोद बछेती को बनाया गया है, जबकि उनके सामने विरेंद्र धामा जिला अध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार थे।
जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को मिला स्थान
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता व मीडिया प्रभारी अशोक गोयल ने कहा कि जिला अध्यक्षों के मामले में पार्टी के कर्मठ और जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी गई है। पार्टी ने नये लोगों को बड़ी जिम्मेदारी देकर अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया है। हमें पूरी उम्मीद है कि सभी जिला अध्यक्ष और मंडल अध्यक्ष मिलकर काम करेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे।