-कुछ अधिकारियों पर फाइनेंशियल बिड में छेड़छाड़ करने का आरोप
-उत्तरी दिल्ली नगर निगम के 47 पार्किंग की ईटेंडरिंग में घपले का आरोप
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
एक ओर नगर निगमों के नेता दिल्ली सरकार से निगमों का बकाया वसूलने के लिए भूख हड़ताल पर बैठे हैं। दूसरी ओर कुछ निगम अधिकारियों पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पार्किंग की ईटेंडरिंग में घोटाला किया है। मामला उत्तरी दिल्ली नगर से जुड़ा है, जहां पिछले करीब चार महीनों से कर्मचारियों को सेलरी तक नहीं मिल पाई है। अब निगम के लाभकारी परियोजना विभाग (आरपी सेल) के कुछ अधिकारियों पर इस ईटेंडरिंग की टैक्नीकल विड से पहले फाइनेंशियल बिड खोलकर उसमें छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं।
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बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने अपने 47 पार्किंग स्थलों के ठेके देने के लिए ईटेंडरिंग की है। लेकिन ठेके की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही यह मामला विवादों में उलझ गया है। इस मामले में शिकायत की गई है कि अधिकारियों ने आवेदक ठेकेदारों के द्वारा दाखिल किये गए जीएसटी रजिस्ट्रेशन तक की जांच नहीं की है। लेकिन अब एक और गंभीर मामला सामने आया है और कुछ अधिकारियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने टैक्नीकल बिड से पहले फाइनेंशियल बिड खोलकर अपनी मनमर्जी से बदलाव कर दिये हैं। इस मामले में एक शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और गृहमंत्री कार्यालय को भी भेजी गई है।
एडीसी छुट्टी पर और हो गया कमाल!
प्रधानमंत्री को की गई शिकायत में कहा गया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लाभकारी परियोजना विभाग के एडीशनल डिप्टी कमिश्नर इस दौरान छुट्टी पर हैं, और उनके पीछे से कुछ अधिकारियों ने इस सारे गोलमाल को अंजाम दे दिया है। बता दें कि नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार को लेकर पहले ही भारतीय जनता पार्टी बैकफुट पर है। ऐसे में भ्रष्टाचार की नई शिकायतें सामने आने के बाद निगम में सत्ताधारी बीजेपी को सियासी मश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।