बिल्डर माफिया और निगम अधिकारियों का गठजोड़…करोलबाग में एक और ‘अर्पित हादसे’ की तैयारी!

-जोन के डिप्टी कमिश्नर के पास चल रही पांच साल से अवैध इमारत की हियरिंग
-निर्धारित से ज्यादा ऊंचाई वाली बिल्डिंग में बना डालीं लकड़ी की दीवार से सैकड़ों दुकानें

एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
करोलबाग इलाके में बिल्डर माफिया और निगम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है। खास बात है कि कभी भी यहां अर्पित होटल जैसा हादसा हो सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इस बार यहां सैकड़ों लोग हताहत हो सकते हैं। ताजा मामला आर्य समाज रोड से सरस्वती रोड के नुक्कड़ पर स्थित संपत्ति संख्या 12/20 से जुड़ा है। बता दें कि इस बिल्डंग में हुआ अवैध निर्माण हर समय किसी बड़े हादसे को दावत दे रहा है।

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इस बिल्डिंग में हुए अवैध निर्माण को लेकर जब बहुत सी शिकायतें हुईं और लोगों ने इसकी शिकायतें यहां के जनप्रतिनिधियों से की तब जाकर नगर निगम की कार्रवाई तो हुई, लेकिन वह भी केवल आई-वॉश की तरह। क्योंकि इस बिल्डिंग को बनाने से लेकर बाद में इसके अंदर सैकड़ों की संख्या में लकड़ी के पार्टिशन से दुकानें बनाई जा रही थीं। लेकिन नगर निगम की कार्रवाई केवल आंशिक तौर पर हुई और उसे भी निगम अधिकारी छिपाने में लगे रहे।

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दरअसल यहां एक साथ संपत्ति संख्या 12/19 और 12/20 स्थित हैं। खास बात है कि दोनों संपत्तियों का बेसमेंड एक ही है। जबकि नियमानुसार दोनों संपत्तियों को मिलाकर नहीं बनाया जा सकता। एक निगम अधिकारी के मुताबिक जब इस बिल्डिंग का नक्शा पास कराया गया था, तब बेसमेंट के हिस्से को पार्किंग ऐरिया बतौर दिखाया गया था। लेकिन अब इस बेसमेंट का उपयोग व्यावसायिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।

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एक अधिकारी के मुताबिक संपत्ति संख्या 12/20, डब्लूईए करोल बाग का निर्माण नगर निगम के बिल्डिंग बाईलॉज को ताक पर रखकर किया गया है। बिल्डिंग की ऊंचाई भी निर्धारित सीमा से बहुत ज्यादा है। इसके साथ ही इस बिल्डिंग में अलग अलग दुकानें नहीं बनाई जा सकतीं। इससे भी बड़ी बात है कि विभिन्न आपत्तियों को लेकर इस बिलिडंग के मामले की सुनवाई जोन उपायुक्त के यहां पिछले पांच साल से पेंडिग चली आ रही है।

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खास बात यह कि इसी दौरान बिल्डिंग में दूसरे और ऊपर के अलग अलग फ्लोर पर लकड़ी का पार्टिंशन बनाकर सैकड़ों की संख्या में छोटी-छोटी दुकानें बनाई जा रही थीं। कुछ लोगों की शिकायत पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के करोलबाग जोन के अधिकारियों ने इस निर्माण के खिलाफ आंशिक कार्रवाई की है।
मीडिया टीम पहुंचने पर जेई ने मालिकों को बुलाया
बिल्डर माफिया के साथ निगम अधिकारियों की मिलीभगत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही मीडिया की टीम निगम द्वारा किये जा रहे एक्शन की कवरेज के लिए इस संपत्ति में पहुंची तो ड्यूटी पर मौजूद जेई ने संपत्ति के मालिकों को बुला लिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे एक व्यक्ति ने मीडिया को कवरेज करने से भी रोकने की कोशिश की।
मालिकों के साथ लंच फरमा रहे थे जेई साहब
मीडिया की टीम जब कवरेज के लिए मौका-ए-वारदात पर पहुंची तब अवैध निर्माण की तोड़फोड़ की ड्यूटी पर तैनात किये गये जेई साहब वहां नहीं मिले। दरअसल जब एक मीडियाकर्मी ने संबंधित जेई को फोन किया तो उन्होंने लंच पर जाने की बात कही। जब मीडियाकर्मियों ने इसी संपत्ति के बेसमेंट में जाकर देखा तो जेई साहब उसी संपत्ति के मालिक क साथ लंच फरमा रहे थे।