RAJASTHAN के बाद अब पंजाब में भी बगावत के रास्ते पर कांग्रेस

-बाजवा बोलेः पार्टी बचानी है तो अमरिंदर और जाखड़ को हटाए आलाकमान
-पंजाब कैबिनेट ने की बाजवा और ढुलों को पार्टी से निकालने की मांग

हीरेन्द्र सिंह राठौड़/ अमृतसर
राजस्थान के बाद अब पंजाब कांग्रेस भी बगावत की राह पर चल पड़ी है। लंबे समय से पार्टी में चला आ रहा अंदरूनी घमासान अब खुलकर सामने आ गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) के खिलाफ कांग्रेस के ही दो राज्यसभा सदस्यों प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) और शमशेर सिंह ढुलो (Shamsher Singh Dhulo) ने मोर्चा खोल दिया है। पार्टी में विवाद इतना बड़ा हो गया है कि बाजवा ने शुक्रवार को यहां तक कह डाला कि पंजाब में पार्टी को बचाना है तो सीएम अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके पदों से हटाना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पार्टी आलाकमान ऐसा निर्णय नहीं लेता है तो कांग्रेस का पंजाब में वही हाल होगा जो सिद्धार्थ शंकर राय (पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री) के बाद पश्चिम बंगाल में हुआ है।

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बता दें कि पंजाब में जहरीली शराब का मामला सामने आने के बाद इन दोनों सांसदों ने अपनी ही राज्य सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना की थी। इसके बाद गुरूवार 6 अगस्त को हुई कैबिनेट की बैठक में बाजवा और ढुलों को पार्टी से निकाले जाने की मांग की गई थी। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर पलटवार किया है। हालांकि पार्टी की प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने ने कहा हे कि दोनों कांग्रेस सांसदों के मामले में कोई भी निर्णय एके एंटनी की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति करेगी।

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बता दें कि जहरीली शराब हादसे में राज्य में 113 लोगों की मौत हो गयी थी। पार्टी की ओर से कार्रवाई की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बाजवा ने कहा कि 113 लोगों की जान चली गई। हमने लोगों की आवाज उठाई है। हम कांग्रेस और पंजाब की भलाई के लिए ऐसा कर रहे हैं। इस सरकार की बहुत बदनामी हो रही है।

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बाजवा ने आगे कहा कि हम नशे को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आए थे। लेकिन अब तक क्या कार्रवाई की गई? इस बारे में हमने आलाकमान को भी अवगत कराया। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। बाजवा ने कहा कि अगर पार्टी मुझे और ढुलो को बाहर करती है तो यह शरीर से दिल निकालने की तरह होगा। पंजाब में कांग्रेस को बचाने के लिए अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ को हटाया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो अमरिंदर सिंह कांग्रेस का वो हाल करेंगे जो सिद्धार्थ शंकर राय ने पश्चिम बंगाल में किया था। बंगाल में कांग्रेस कई दशकों से सत्ता से बाहर है।

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यह पूछे जाने पर कार्रवाई की स्थिति में उनका अगला कदम क्या होगा? तो बाजवा ने कहा जब ऐसा होगा तो उस वक्त कोई बात करूंगा। मैं हमेशा से कांग्रेसी हूं। मेरे परिवार का बलिदान का इतिहास है। राहुल गांधी मेरे नेता हैं। मैं आज भी राहुल गांधी का करीबी हूं। इस विवाद के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी ने कहा कि दोनों ही सांसद हैं। कांग्रेस में एक संवैधानिक व्यवस्था है। इनके संदर्भ में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद एके एंटनी की अगुआई वाली समिति कोई निर्णय करेगी।
बता दें कि पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख सुनील जाखड़ ने पिछले दिनों कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखेंगे कि बाजवा और ढुलो के खिलाफ अनुशासनहीनता को लेकर सख्त कार्रवाई की जाए।