SP के सहयोग के बावजूद UP में नहीं चला AAP का तिलस्म… आगे रही AIMIM… कांग्रेस खत्म!

-खाता नहीं खोल सकी आम आदमी पार्टी
-बीएसपी को चुनाव में मिला करारा झटका
-यूपी की जनता ने कांग्रेस को फिर से नकारा

सन्नी सिंह/ लखनऊ, 10 मार्च, 2022
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में येन-केन प्रकारेण अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सभी तरह के दांव आजमाने वाली आम आदमी पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। दिल्ली के बाद पंजाब में भले ही चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ‘आप’ का तिलस्म नहीं चल सका। यूपी और उत्तराखंड में ‘आप’ अपना खाता तक नही खोल पाई। खास बात तो यह है कि आम आदमी पार्टी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के मुकाबले बुरी तरह से पिछड़ गई। दोनों ही दल एक भी सीट नहीं जीत पाये, यहां तक कि दोनों ही दलों को 1 फीसदी वोट भी नहीं मिल पाये। खास बात है कि आम आदमी पार्टी ने यूपी चुनाव अखिलेश यादव यानी कि समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है।

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एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार भागीदारी की थी। आप के राज्य प्रभारी पिछले करीब एक-डेढ़ वर्ष से लगातार बीजेपी के ऊपर झूठे सच्चे आरोप लगाकर घेरने की कोशिश करते आ रहे थे। दूसरी ओर चुनाव में असदुद्दीन ओबैसी भी लगातार बीजेपी के ऊपर हावी होने की कोशिश में थे। लेकिन आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में महज 0.38 फीसदी वोट ही हासिल हो पाये, वहीं एआईएमआईएम को 0.48 फीसदी वोट मिल गये। जबकि आम आदमी पार्टी ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी और आवैसी की पार्टी बहुत कम सीटों पर चुनाव लड़ी है।
कांग्रेस को 2 सीट, महज 2.35 फीसदी वोट, राज्य में तीसरे स्थान पर बीएसपी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का दांव भी बेकार गया। पियंका ने अपना पूरा समय उत्तर प्रदेश को दिया, कई विवादित मुद्दों के बीच में घुसने की कोशिश की, किसान आंदोलन हो या फिर हाथरस कांड हो, सभी विवादित मामलों को भड़काने के लिए पूरी हवा दी, लेकिन चुनाव में उनकी मेहनत को यूपी के लोगों ने सिरे से ही नकार दिया। कांग्रेस को 2017 के मुकाबले चुनाव में नहीं के बराबर केवल 2 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई और चुनाव में वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को यूपी में केवल 2.35 फीसदी वोट ही हासिल हो पाये। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी को चुनाव में भले ही एक सीट पर जीत हासिल हुई हो, लेकिन बसपा को 12.83 फीसदी वोट मिले, जो कि अकेले लड़ी थी और वोट प्रतिशत के मामले में तीसरे स्थान पर रही।