-राम मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री पर घपला करने का आरोप
-ट्रस्ट ने 18 करोड़ में खरीदी 2 करोड़ रूपये की जमीन
एसएस ब्यूरो/ नई दिल्ली
अयोध्या में बन रहे भगवान श्री राम के मंदिर के लिए खरीदी गई जमीन में साढ़े 16 करोड़ रूपये के घपले की बात सामने आई है। घपला करने का आरोप सीधे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री पर लगाया गया है। आम आदमी पार्टी के सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह और अयोध्या से पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट ने पांच मिनट के अंदर 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ रूपये में खरीदी है। आश्चर्य की बात है कि बिक्री के दोनों कागजातों पर एक ही गवाहों के हस्ताक्षर हैं।
दोनों नेताओं ने कहा कि इस जमीन का बैनामा 2 करोड़ रूपये में हुआ और उसी दिन साढ़े 16 करोड़ रूपये में दोबारा ट्रस्ट के साथ एग्रीमेंट हो गया। बैनाम और एग्रीमेंट दोनों के दस्तावेजों पर ट्रस्टी अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेष उपाध्याय के गवाह बतौर हस्ताक्षर हैं। आप नेताओं ने मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई से कराने की मांग की है।
आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रूपये की जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी। यह सीधे सीधे मनी लांडरिंग का मामला बनता है और सरकार को इसकी जांच तुरंत करानी चाहिए।
संजय सिंह ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि अयोध्या सदर तहसल के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रूप्ये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक लोगों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को 2 करोड़ रूपये में खरीदी थी। इस जमीन की खरीद के दस्तावेजों पर श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के महापौर ऋषिकेष उपाध्याय गवाह बने थे।
जमीन को सांय 7 बजकर 10 मिनट पर खरीदा गया था। इसके ठीक 5 मिनट बाद ही इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रूपये में खरीद लिया। इनमें से 17 करोड़ रूपये अरटीजीएस के जरिये पेशगी के तौर पर दिये गए थे। उन्होंने कहा कि आज श्रीराम के उन भक्तों के मन को भारी ठेस पहुंची होगी, जिन्होंने बड़ी आस्था के साथ भव्य मंदिर के निर्माण के लिये चंदा दिया था। यह तो केवल एक मामला है, यदि इसमें ऐसा हो सकता है तो कई अन्य मामलों में भी ट्रस्ट से जुड़े लोग करोड़ों रूपये की हेराफेरी कर रहे हैं।