SDMC पार्किंग घोटाला… आप ने साधा बीजेपी पर निशाना

-लॉकडाउन के दौरान अधिकारियों और पार्किंग माफिया की मिलीभगत का मामला
-आप ने कहा- बीजेपी नेताओं ने अधिकारियों से मिलकर किया घोटाला

टीम एटूजैड/ नई दिल्ली
लॉकडाउन के दौरान दक्षिणी दिल्ली के छह पार्किंग के ठेकों में हुए घोटाले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शर्तें बदलकर हुई ठेकों की बंदरबांट को लेकर आम आदमी पार्टी ने सत्ताधारी बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा है। आप नेताओं का कहना है कि अधिकारियों ने इन नेताओं की मिलीभगत से नगर निगम को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुंचाया है।

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आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व निगम पार्षद हरीश अवस्थी ने कहा कि हमें जानकारी मिली है कि छह पार्किंग के ठेके बीजेपी के दो नेताओं और अधिकारियों की मिलीभगत से कम लाइसेंस शुल्क पर दिए गए हैं। दोनों ही वर्तमान निगम पार्षद हैं और दोनों ही या तो अभी निगम के ऊंचे पद पर हैं या फिर पहले ऊंचे पद पर थे। इन पार्किंग से नगर निगम की मोटी कमाई हो सकती है, लेकिन इन नेताओं ने निगम के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर पार्किंगों पर कब्जा कर लिया है।

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हरीश अवस्थी ने कहा कि जथा राजा, तथा प्रजा वाला हिसाब हो गया है। जिस तरह केंद्र की मोदी सरकार देश के एयरपोर्ट निजी हाथों में सोंपती जा रही है, उसी तरह से नगर निगम के पार्किंग अधिकारियों ने मनमानी करते हुए बीजेपी नेताओं के हाथों में सोंप दिए हैं। भ्रष्टाचार का इससे बड़ा और सबूत क्या होगा कि सात में से चार बिडर्स को बोली लगाने से ही बाहर कर दिया।

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इन पार्किंग के लिए दक्षिणी दिल्ली नगर के दूसरे पुराने ठेकेदार ज्यादा मासिक शुल्क देने के लिए तैयार हैं, फिर कम मासिक शुल्क पर ठेके देकर नगर निगम का नुकसान क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्किंग ठेकों के मामले में महापौर की भूमिका भी संदिग्ध है। इतना बवाल मचने के बावजूद उन्होंने अभी तक इस मामले में कोई संज्ञान ही नहीं लिया। इससे पता चलता है कि यह पार्किंग घोटाला बीजेपी नेताओं, पार्किंग माफिया और अफसरों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया है।
अधिकारियों ने बिना निगम की मंजूरी बदले टेंडर प्रक्रिया के नियम
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में प्रतिपक्ष की नेता किशनवती ने कहा कि हमने अधिकारियों से जवाब मांगा है कि उन्होंने किसकी अनुमति से टेंडर प्रक्रिया के नियमों को बदला? क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जल्दबाजी में अधिकारियों ने गिने-चुने ठेकेदारों को ही बोली में भाग लेने दिया। 7 में से 4 ठेकेदारों को बोली से बिना कारण बताए बाहर कर दिया। जबकि अधिकारियों को चाहिए था कि वह ज्यादा से ज्यादा ठेकेदारों को बोली में शामिल कराते। इससे पार्किंग के ठेके ज्यादा मासिक शुल्क पर जाते और नगर निगम को इसका लाभ मिलता।

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निगम को उठाना होगा दोहरा नुकसान
आम आदमी पार्टी की नेता किशनवती ने कहा कि नगर निगम को पहले भी सभी पार्किंग का बिजली का बिल भरना पड़ता था और अब भी बिजली का बिल निगम को ही भरना पड़ेगा। एक ओर बेहद कम मासिक लाइसेंस शुल्क और दूसरी ओर बिजली का बिल भरने से निगम को दोहरा नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम इस मामले को सदन के अंदर और सदन के बाहर दोनों जगह उठाएंगे।